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सावन में शिव पूजन के दौरान शिवलिंग को छूना चाहिए या नहीं? जानें क्या हैं मान्यताएं

सावन का महीना 11 जुलाई से शुरू हो रहा है और 9 अगस्त तक श्रावण मास रहेगा। इस महीने में शिव भगवान की पूजा करना बेहद शुभ फलदायक माना जाता है। शिव पूजन के दौरान कई लोग शिवलिंग को छूते भी हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि शिवलिंग को छूना सही है या गलत इसी के बारे में आज हम आपको जानकारी देने वाले हैं।

शिवलिंग को छूना सही या गलत

कुछ धार्मिक मतों के अनुसार शिवलिंग को छूना सही नहीं माना जाता। शिवलिंग भगवान शिव का रूप होने के साथ ही पवित्रता और आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक है। इसलिए शिवलिंग को छूने से इसके सम्मान में कमी आती है। खासकर जो शिवलिंग प्राण प्रतिष्ठा के बाद स्थापित किए गए हों उन्हें छूना बिल्कुल भी अच्छा नहीं माना गया है। इसकी वजह से शिवलिंग की पवित्रता में कमी आ सकती है। इसलिए कुछ धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चाहे सावन हो या कोई अन्य दिन शिवलिंग को छूने से आपको बचना चाहिए।

शिवलिंग को छूने को लेकर कुछ धार्मिक मत यह भी हैं कि ऐसा करने से सकारात्मक ऊर्जा हमें मिलती है। हालांकि स्त्रियों को शिवलिंग छूने की अनुमति कई धार्मिक स्थलों में नहीं दी जाती, इसकी वजह यह है कि शिवलिंग पुरुष तत्व से संबंधित है। वहीं कुछ स्थानों पर स्त्रियां नंदी मुद्रा में शिवलिंग को छू सकती हैं। वहीं पुरुषों को शिवलिंग को छूने की अनुमति कई धार्मिक स्थानों पर होती है।

शिवलिंग को कैसे छूना चाहिए? 

आपको बता दें की शिवलिंग को छूने के नियम भी होते हैं। इसके अनुसार सबसे पहले व्यक्ति को स्नान-ध्यान करना चाहिए। इसके बाद शिवलिंग पर दाहिने हाथ से जल अर्पित करना चाहिए और बेलपत्र, धतूरा आदि अर्पित करना चाहिए। इसके बाद दोनों हाथों को जोड़कर शिवलिंग को प्रणाम करना चाहिए। इसके बाद ही आप शिवलिंग को स्पर्श करें। गलती से भी नियमों के विरुद्ध जाकर शिवलिंग को छूने से बचें, इसके नकारात्मक परिणाम आपको भूगतने पड़ सकते हैं।

निष्कर्ष 

शिवलिंग को छूने को लेकर अलग-अलग धार्मिक मत हैं। कुछ मतों के अनुसार शिवलिंग को छूना गलत नहीं है वहीं कुछ मान्यताओं के अनुसार शिवलिंग को छूना सही माना जाता है। देखा जाए तो शिवलिंग को बिना छुए भी इसकी सकारात्मकता को आप महसूस कर सकते हैं। ऐसा करने से शिवलिंग की पवित्रता भी बनी रहती है और आपको भी सुखद अनुभव प्राप्त होते हैं।

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